काश कोई और हमारे लिए जी ले
जैसे हम जीते किसी और के लिए
उनके हसी के लिए
हम रोना भूल जाते
हम रोते रोते रोते
उनके लिए हँसाने लग जाते
हमारे ख्वाब भूल के
हम उनके ख्वाबों में रंग भरने लग जाते
उनकी दुनिया में ही
हम अपनी दुनिया बसा लेते
इस दुनिया के होकर भी
हम उस दुनिया के हो जाते
कोशिश कर के भी
ना हम खुद को रोक पाते
उनके होते हुए भी
कभी भी ना अपने कहलाते
3 comments:
hadas tusi gr8 ho...............
Hadas, i agree with Chetan?
anyways, kay jhala tula ashi kavita lihayala..
Very nice one.
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