खयाल हमारे
कभी पुराने विचारधाराओं के संग हमे चलाते
तो कभी उन्ही को झुटला कर
नयीं दिशाओं के तरफ ले जाते
खयालों की दुनिया के बादशाह भी हम
लेकिन ख्यालों के गुलाम भी हम
खयालों से हस के मिलते
खयालों से मुकरते भी हम
किसी के खयालों में
जागते हुए हम खो जाते
किसी का खयाल आ कर भी
हम उसपर ना सोच पाते
खयाल हमे बनाते
और खयालों के लिए ही
हम जीने लग जाते
और फिर हम ही एक खयाल बनके रह जाते
खयालों में हम उलज जाते पर
खयालों की उलज़ं सुलाज़ना मुश्किल
पर अगर सुलझ गए तो
उस्ससे मुकर पाना भी उतना ही मुश्किल
3 comments:
Achche khayal hai..:-)
good one.
we all need to undertake degree course of Meditation :P
mast aahe kavita
Post a Comment